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Power Crisis In UP-Deepened power crisis, only coal is left for a few days_Pic Credit Google

Power Crisis In UP-गहराया बिजली संकट ,बस कुछ दिन के लिए बचा है कोयला।

Power Crisis In UP-गहराया बिजली संकट ,बस कुछ दिन के लिए बचा है कोयला।-उप्र में बिजली संकट बढ़ने वाला है। कोयले की कमी के कारण उप्र की 8 यूनिट बंद हो गई थी। स्थिति यह है कि तमाम कोशिश के बाद भी अगले एक सप्ताह तक इससे राहत मिलता नजर नहीं आ रहा है।

खुद पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी मान रहे हैं कि 15 अगस्त तक परेशानी रहेगी। अब यूनिट बंद होने से बिजली कटौती भी बढ़ गई है। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण सेक्टर में है। उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने आरोप लगाय है कि ग्रामीण सेक्टर में 7 से 8 घंटे का पावर कट लग रहा है।

Power Crisis In UP-गहराया बिजली संकट ,बस कुछ दिन के लिए बचा है कोयला।

यहां तक की कुछ बड़े महानगरों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर जगहों पर बिजली कटौती बड़ गई है। आंकड़ों की बात करे तो उप्र में मौजूदा समय में बिजली की मांग 20,000 से 21,000 मेगावाट के बीच है। वहीं सप्लाई सिर्फ 17000 मेगावाट तक हो पा रही है। ऐसे में चार हजार मेगावाट बिजली की कमी होने लगी है। बताया जा रहा है कि इसका सबसे ज्यादा असर पूर्वांचल और मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के ग्रामीण इलाकों में पड़ रहा है।

Power Crisis In UP-20 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली खरीदी जा रही
इस कमी को पूरी करने के लिए एक्सचेंज से पावर कॉरपोरेशन बिजली खरीद रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह बिजली 15 से 20 रुपए यूनिट तक पड़ रहा है। हालांकि बिजली की कीमत अधिक होने के कारण पावर कॉरपोरेशन ज्यादा मात्रा में एक्सचेंज से बिजली नहीं खरीद पा रहा है।

Power Crisis In UP-2700 मेगवााट बिजली नहीं तैयार हो पा रही
कोयले की कमी से उप्र में 2700 मेगावाट बिजली नहीं तैयार हो रही है। मौजूदा समय 8 पावर प्लांट कोयले की कमी से और 6 दूसरे कारणों से बंद है। कोयले की कमी से जो पावर प्लांट बंद चल रहे हैं, उनसे पावर कॉरपोरेशन को 2700 मेगावाट बिजली मिलती है। इसके अलावा 6 पावर प्लांट भी दूसरे तकनीकी कारणों से बिजली उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं। इनसे भी 1800 मेगावाट बिजली मिलती है। यानि पावर कॉरपोरेशन को करीब 4500 मेगावाट बिजली नहीं मिल पा रही है।

Power Crisis In UP-कोयले का बकाया भी नहीं जमा है
बताया जा रहा है कि यह समस्या बढ़ेगी। इसकी बड़ी वजह कई जगह पर कोयले की पेमेंट न होना है। उत्पादन निगम के कई पावर प्लांट हैं जिनका कोयले का पेमेंट बकाया है। दरअसल कोयले की कमी को देखते हुए कोल कंपनियों ने यह तय किया है कि जिन पावर प्लांटों का पेमेंट होगा, उन्हें पहले कोयले की सप्लाई की जाएगी।

Power Crisis In UP-यह पावर प्लांट बंद हो गए है
ललितपुर यूनिट-2 660 मेगावाट ललितपुर यूनिट-3 660 मेगावाट रोजा यूनिट-2 300 मेगावाट ऊंचाहार यूनिट-6 190 मेगावाट हरदुआगंज यूनिट-9 250 मेगावाट पारीछा यूनिट-4 210 मेगावाट पारीछा यूनिट- 5250 मेगावाट हरदुआगंज यूनिट- 7105 मेगावाट

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